मैं आज के दिन तुमसे ही मिलने निकल चला था जानां , एक नये शहर की ओर , जो कि तब तक के लिए मेरे लिए अजनबी था , जब तक कि मैं तुमसे उस शहर में नहीं मिला. तुमसे मिलने के बाद न तुम अजनबी रही और न ही वो शहर. ज़िन्दगी भी बड़ी अजीब है , जिनसे कभी न मिलना चाहे , उन्ही से जोड़े रखती है और जिनके संग रहना चाहे , उनसे दूर कर देती है . तुम पहली बार मुझसे मिल रही थी , लेकिन मुझे लग रहा था कि हम दोनों बरसो से ..नहीं नहीं शायद जन्मो से के दुसरे को जानते थे . और वही हुआ , जब हम मिले..... तुमसे मिलने की यात्रा में बहुत से ख्याल तैरते रहे जेहन में .. कि तुम कैसी होंगी , कैसी दिखती हो .तुम्हारे ख़त ने भी वही कहा था, मैं बहुत से अजनबियों से मिला हूँ ज़िन्दगी के सफ़र में , लेकिन तुमसे मिलना रोमांचक था,. रोमांटिक था. रहस्य में लिपटा हुआ था . जीवन की धडकनों से भरा हुआ था. हर अहसास में तुम ही थी ..सिर्फ तुम !!!
Saturday, March 31, 2012
तुमसे मिलने की यात्रा....!!
मैं आज के दिन तुमसे ही मिलने निकल चला था जानां , एक नये शहर की ओर , जो कि तब तक के लिए मेरे लिए अजनबी था , जब तक कि मैं तुमसे उस शहर में नहीं मिला. तुमसे मिलने के बाद न तुम अजनबी रही और न ही वो शहर. ज़िन्दगी भी बड़ी अजीब है , जिनसे कभी न मिलना चाहे , उन्ही से जोड़े रखती है और जिनके संग रहना चाहे , उनसे दूर कर देती है . तुम पहली बार मुझसे मिल रही थी , लेकिन मुझे लग रहा था कि हम दोनों बरसो से ..नहीं नहीं शायद जन्मो से के दुसरे को जानते थे . और वही हुआ , जब हम मिले..... तुमसे मिलने की यात्रा में बहुत से ख्याल तैरते रहे जेहन में .. कि तुम कैसी होंगी , कैसी दिखती हो .तुम्हारे ख़त ने भी वही कहा था, मैं बहुत से अजनबियों से मिला हूँ ज़िन्दगी के सफ़र में , लेकिन तुमसे मिलना रोमांचक था,. रोमांटिक था. रहस्य में लिपटा हुआ था . जीवन की धडकनों से भरा हुआ था. हर अहसास में तुम ही थी ..सिर्फ तुम !!!
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
बहुत बढ़िया सर!
ReplyDeleteसादर
सुंदर भावभिव्यक्ति
ReplyDeleteकई ख्याल ज़हन में तैरते उतराते रहे
ReplyDeleteतस्वीर तुम्हारी हम , बनाते ...मिटाते रहे
बहुत प्यारी अभिव्यक्ति...
ReplyDeleteसादर...
वाह ...बहुत खूब ।
ReplyDeletepyara sa post....wah
ReplyDelete