Saturday, March 31, 2012

तेरे बिना ज़िन्दगी से शिकवा तो नहीं ....!



सोचता हूँ कि तुम्हारे मेरे ज़िन्दगी में न होने से सिर्फ दुःख और खालीपन ही है ,पर ज़िन्दगी तो चल ही रही है क्योंकि खुदा के बनाए हुए इस निजाम में कभी भी कुछ भी नहीं रुकता है . ज़िन्दगी चलती ही रहती है .. यदि सोचना भी चाहे तो भी नहीं रूकती , सिवाय इसके कि उसके ख़त्म होने का समय आ जाये . और कभी कभी ये भी सोचता हूँ कि खुदा की शायद यही रज़ा थी कि मैं तेरे बिना और तू मेरे बिना ही जिये . और एक दुसरे की यादो में तड़प कर जिये और मरे.... पर ज़िन्दगी का रंग भी चटक ही होता है ... क्योंकि जीना इसी का नाम है ! पर आज फिर तेरी याद बहुत आ रही है !


1 comment:

  1. bahut he bahtarein line likhe hai aapnay ..... ye chand alfaz alag alag dekho to bahut he mamuli dekhtay hain per jab inhee alfazon ko chahat kay dard or yadoon ka ashra milta hai to khumhlayen patteyan fir say haree ho jate hain .... bahut khoob

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