Tuesday, January 25, 2011

तेरे बिना ये ज़िन्दगी , ज़िन्दगी तो नहीं जानां ...


जानां ; तुम्हारे साथ बहुत सी अनजान जगहों पर घूमा हूँ , पर मन भरा नहीं है .. ऐसा लगता है की कई मंजिले और भी अभी बाकी है , जहाँ की फिजा में हमने सांस लेनी है .....कई रास्ते और भी बाकी है , जिन पर अपने पैरो के निशां छोड़ना है ..कई गलियां और भी है बाकी , जिनमे तेरे हाथ में अपने हाथ देकर घूमना है ,कई पुराने मंदिर के देवता हमारी  राह देख रहे है ... कुछ घने जंगल भी है , जिनमे मौजूद पेड़ो पर हमने अपना नाम लिखना है ...और बहती नदी के पानी में तेरे चेहरे  पर मौजूद  ख़ुशी को देखना है .. बहुत से सपने है ,जिन्हें पूरा होना है .. जिन्हें देखना है और फिर से देखना है और बार बार देखना है .. लेकिन...तुम नहीं तो ये सपने कैसे पूरे होंगे ... ये ज़िन्दगी अधूरी है ,तेरे बिना ये ज़िन्दगी , ज़िन्दगी तो नहीं जानां ..बस तुम नहीं हो .....हमारी मोहब्बत की कसक भर है ...




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