Monday, November 15, 2010

रुके रुके से पल....


वक़्त को रोककर
पीछे मुड़कर ,
मैंने देखा...
तो
तुम बहुत दूर थी ..
शायद सदियों के पहले के बात थी
या किसी और जन्म की बात थी

मैंने बहुत से वो ख्वाब भी देखे
जिसमे हम साथ साथ थे..
ज़िन्दगी के FROZEN MOMENTS भी थे ;
जहाँ तुम मेरे साथ थी...
मैं और तुम ;
हमेशा ही साथ रहे थे ...
कोई उन पलो को कैसे भूल जाये..

हाँ , सिर्फ एक पल में ;
मैं तुम्हारे साथ नहीं था ..
जब तुमने मेरा साथ छोड़ा था
अपने लिए ;
तुमने मेरा हाथ छोड़ा था ....
हाँ, जानां, मैं उस पल में तुम्हारे साथ नहीं था ..

वो यादे अब डसने लगी है
मेरी रूह को ..
वो वादे तेरे ,हँसते है
मेरे प्यार पर ..

तुमसे तो मैंने मोहब्बत सीखी थी जानां,
तुमने ये बेवफाई कहाँ से सीख ली ?

पता है तुम्हे ,
मैं अब भी भाप से पुते हुए आईने में ;
अपनी उंगलियों से तेरा नाम लिखता हूँ ......जानां !!!!
[  as if you are always with me to see this and hug me ]




No comments:

Post a Comment