भीगा सा दिन है.
भीगी सी आँखें है.
भीगा सा मन है.
भीगी सी रात है,
तुम आ जाओ सनम ..
मैं तुम में भीगना चाहता हूँ
चल ,आ प्रिये ,
कहीं दूर उड़ चले ..
संसार को छोड़ चले ...
मन के शहर में
मन की गलियों में भटक जाएँ ..
तुम मेरा हाथ थामे रहना प्रिये !
तुम कहाँ हो जांना !!!
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