Saturday, October 16, 2010

खुदा का रहम............


यूँ ही किसी  खुदा ने हमें मिला दिया है एक दूजे से ....
यूँ ही किसी खुदा का करम है हम पर .....
यूँ ही किसी खुदा का साया है हमारी मोहब्बत ....
यूँ ही किसी खुदा ने कुछ तो सोचा होंगा ....
क्या तुम उस खुदा को जानती हो जानां !!!
मैं उस से तुम्हे माँगना चाहता हूँ ..

After all  यूँ ही तो कुछ भी नहीं हुआ करता है ..
कोई खुदा तुझे मुझसे मिलाना चाहता है ....
आओ ,अब देर न करो ...खुदा का रहम है हम पर ...
यूँ ही किसी खुदा ने कुछ तो सोचा होंगा ....
क्या तुम उस खुदा को जानती हो जानां !!!
मैं उस से तुम्हे माँगना चाहता हूँ .....

जाने किस जनम से तुम्हारी राह देखता हुआ ;
तुम्हारा और सिर्फ तुम्हारा...


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