Monday, October 12, 2009

सिलवटो की सिहरन


सिलवटो की सिहरन

अक्सर तेरा साया;
एक अनजानी धुंध से चुपचाप चला आता ...है
और मेरी मन की चादर में सिलवटे बना जाता है …॥

मेरे हाथ ,
मेरे दिल की तरह कांपते है ,
जब मैं उन सिलवटों को अपने भीतर समेटती हूँ …॥

तेरा साया मुस्कराता है ;
और मुझे उस जगह छु जाता है
जहाँ तुमने कई बार पहले मुझे छुआ था ....

मैं सिहर सिहर जाती हूँ ,
कोई अजनबी बनकर तुम आते हो
और मेरी खामोशी को आग लगा जाते हो …

तेरे जिस्म का एहसास ...
मेरे चादरों में धीमे धीमे उतरता है ....

मैं चादरें तो धो लेती हूँ ;
पर मन को कैसे धो लूँ ....

कई जनम जी लेती हूँ तुझे भुलाने में ,
पर तेरी मुस्कराहट ,
जाने कैसे बहती चली आती है ,
न जाने, मुझ पर कैसी बेहोशी सी बिछा जाती है …॥

कोई पीर पैगम्बर मुझे तेरा पता बता दे ,
कोई माझी ,तेरे किनारे मुझे ले जाए ,
कोई देवता तुझे फिर मेरी मोहब्बत बना दे.......

या तो तू यहाँ आजा ,या मुझे वहां बुला ले......
मैंने अपने घर के दरवाजे खुले रख छोडे है ........

Thursday, October 8, 2009

तेरे जाने का समय ...


तेरे जाने का समय ....

जब तेरे जाने का समय आता है ,
तो जाने कैसा लगता है
जैसे मैं धीमे धीमे मर रहा हूं !!!

एक पल ;
तू रुक तो जरा !!!

मैं एक गहरी साँस ले लूँ ......

तेरी साँसों को ,तेरी आँखों को,
तेरी जुल्फों को , तेरी खुशबु को,
तेरे हाथों को , तेरे एहसास को भर लूँ ...

हाँ , अब तुम जा सकती हो.....
हाँ , अब मैं मर सकता हूँ......

Wednesday, October 7, 2009

आभार ऐशो [ फिर आना ]


आभार ऐशो [ फिर आना ]

सुबह का सूरज आज जब मुझे जगाने आया
तो मैंने देखा वो उदास था
मैंने पुछा तो बुझा बुझा सा वो कहने लगा ..
मुझसे मेरी रौशनी छीन ले गयी है ;
कोई तुम्हारी चाहने वाली ,
जिसके सदके मेरी किरणे
तुम पर नज़र करती थी !!!

रात को चाँद एक उदास बदली में जाकर छुप गया ;
तो मैंने तड़प कर उससे कहा ,
यार तेरी चांदनी तो दे दे मुझे ...
चाँद ने अपने आंसुओ को पोछते हुए कहा
मुझसे मेरी चांदनी छीन ले गयी है
कोई तुम्हारी चाहने वाली ,
जिसके सदके मेरी चांदनी
तुम पर छिटका करती थी ;

रातरानी के फूल चुपचाप थे
मैंने उनसे कहा ,दोस्तों
मुझे तुम्हारी खुशबू चाहिए ,
उन्होंने सर झुका कर कहा
हमसे हमारी खुशबू छीन ले गयी है
कोई तुम्हारी चाहने वाली ,
जिसके सदके हमारी खुशबू
तुम पर बिखरा करती थी ;

घर भर में तुम्हे ढूंढता फिरता हूँ
कही तुम्हारा साया है ,
कही तुम्हारी मुस्कराहट
कहीं तुम्हारी हंसी है
कही तुम्हारी उदासी
तुम क्या चली गयी
मेरी रूह मुझसे अलग हो गयी

यहाँ अब सिर्फ तुहरी खूबसूरत यादे है
जिनके सहारे मेरी साँसे चल रही है ....

आ जाओ प्रिये
आभार ऐशो प्रिये
आभार ऐशो !!!!!