Tuesday, December 3, 2013

एक नज़्म तेरे लिए !




भीगा सा दिन, 
भीगी सी आँखें,
भीगा सा मन ,
और भीगी सी रात है !

कुछ पुराने ख़त ,
एक तेरा चेहरा,
और कुछ तेरी बात है !

ऐसे ही कई टुकड़ा टुकड़ा दिन
और कई  टुकड़ा टुकड़ा राते
हमने ज़िन्दगी की साँसों तले काटी थी !

न दिन रहे और न राते,
न ज़िन्दगी रही और न तेरी बाते !

कोई खुदा से जाकर कह तो दे,
मुझे उसकी कायनात पर अब भरोसा न रहा !

नज़्म  © विजय कुमार

Sunday, October 27, 2013

वेनिस , प्रेम , तुम और मैं .........!




मेरी जानां ,

सोचा तो यही था कि कभी वेनिस जायेंगे . और वहां की पैलेस नदी की ठंडी लहरों पर किसी गोंडोला में बैठकर , जिसका नाविक कोई प्यारी सी रोमांटिक धुन गुनगुना रहा हो; एक दुसरे के आलिंगन में वेनिस को देखेंगे . 

और जब सांझ का सूरज अपनी सिंदूरी लालिमा के साथ इस नदी में डूबे, तब; जीवन की उस बेला में हमारी नाव शाय ब्रिज के नीचे से गुजरे !

नाव ठहरे . जीवन ठहरे . हम ठहरे और एक पुरानी सी रोमांटिक प्रथा के अनुसार एक दुसरे को चूमे .ताकि हमारा प्रेम अमर हो जाए . हमेशा के लिए !

पता है उस ब्रिज के एक ओर एक पैलेस है और दूसरी ओर एक जेल . ज़िन्दगी भी कुछ ऐसी ही है जानां ....हमारे प्रेम की सड़क के एक ओर कठोर समाज है और दूसरी ओर हमारी अपनी ज़िन्दगी !

समय थमा हुआ है !

सब कुछ वैसा ही है . कुछ भी नहीं बदला . 
वेनिस अब भी रोमांटिक है .
पैलेस नदी की लहरे अब भी बहती है . ठंडी !
गोंडोला अब भी जोड़ो को लेकर उस नदी की लहरों पर बहते है .
नाविक अब भी रोमांटिक गीत गुनगुनाते है.
शाय ब्रिज अब भी कई प्रेमियों के प्रेम का, आलिंगन का और प्रणय चुम्बनों का गवाह है.
सूरज अब भी अपनी लालिमा के साथ उस नदी में अपने अमरत्व के साथ भीगते हुए डूबता है.

और मैं भी हूँ एक अंतहीन इन्तजार में युग के समाप्त होने की राह देखते हुए. 

समय थमा हुआ है !


और कोई यदि नहीं है 
तो वो तुम हो !
तुम !

Wednesday, July 11, 2012

और फिर तुम्हारी याद !

आज एक नज़्म लिखी तुम्हारे लिये ...इतनी सारी यादो के साथ जीना !!!!

"और फिर तुम्हारी याद !"

एक छोटा सा धुप  का  टुकड़ा
अचानक ही फटा हुआ आकाश
बेहिसाब बरसती बारिश की कुछ बूंदे
तुम्हारे जिस्म की सोंघी गंध
और फिर तुम्हारी याद !

उजले चाँद की बैचेनी
अनजान तारो की जगमगाहट
बहती नदी का रुकना
और रुके हुए जीवन का बहना
और फिर तुम्हारी याद !

टूटे हुए खपरैल के घर
राह देखती कच्ची सड़क
टुटा हुआ एक  पुराना मंदिर
रूठा हुआ कोई देवता
और फिर तुम्हारी याद !

आज एक नाम खुदा का
और आज एक नाम तेरा
आज एक नाम मेरा  भी
फिर एक नाम इश्क का
और फिर तुम्हारी याद !


Monday, June 11, 2012

इश्क

.......तुम्हारा मेल दोस्ती की हद को छु गया
दोस्ती मोहब्बत की हद तक गई !
मोहब्बत इश्क की हद तक !
और इश्क जूनून की हद तक !

तोसे नैना लागे ...!

Friday, May 4, 2012

तेरे बिना ज़िंदगी भी लेकिन, ज़िंदगी, तो नहीं.....



तेरे बिना ज़िंदगी से कोई, शिकवा, तो नहीं,
शिकवा नहीं
शिकवा नहीं, शिकवा नहीं
तेरे बिना ज़िंदगी भी लेकिन, ज़िंदगी, तो नहीं,
ज़िंदगी नहीं
ज़िंदगी नहीं, ज़िंदगी नहीं

(काश ऐसा हो तेरे कदमों से, चुन के मंज़िल चले
और कहीं दूर कहीं ) - २
तुम गर साथ हो, मंज़िलों की कमी तो नहीं
तेरे बिना ज़िंदगी से कोई, शिकवा, तो नहीं, शिकवा नहीं

(जी में आता है, तेरे दामन में, सर छुपा के हम
रोते रहें, रोते रहें ) - २
तेरी भी आँखों में, आँसुओं की नमी तो नहीं
तेरे बिना ज़िंदगी से कोई, शिकवा, तो नहीं,
शिकवा नहीं
तेरे बिना ज़िंदगी भी लेकिन, ज़िंदगी, तो नहीं,
ज़िंदगी नहीं

तुम जो कह दो तो आजकी रात, चांद डूबेगा नहीं,
रात को रोक लो
रात कि बात है, और ज़िंदगी बाकी तो नहीं
तेरे बिना ज़िंदगी से कोई, शिकवा, तो नहीं, शिकवा नहीं
तेरे बिना ज़िंदगी भी लेकिन, ज़िंदगी, तो नहीं,
ज़िंदगी नहीं

Sunday, April 22, 2012

जब भी तुम मेहंदी लगाओंगी .. मेरा नाम लिखने के लिये जगह खोजोंगी जानां .
क्योंकि न तुमने मुझे अपने दिल में रखा और न ही अपनी हथेली पर .

Tuesday, April 17, 2012

पूरे चाँद की रात...!!!


आज फिर पूरे चाँद की रात है ;
और साथ में बहुत से अनजाने तारे भी है...
और कुछ बैचेन से बादल भी है ..

इन्हे देख रहा हूँ और तुम्हे याद करता हूँ..

खुदा जाने ;
तुम इस वक्त क्या कर रही होंगी…..

खुदा जाने ;
तुम्हे अब मेरा नाम भी याद है या नही..

आज फिर पूरे चाँद की रात है !!!


Tuesday, April 3, 2012

तुमने जो मेरे साथ किया , वो ठीक नहीं किया जानां ...!

इतनी खूबसूरत जिंदगी थी .तुमने ऐसा नहीं करना था. तुमने बीच राह मुझे छोडना नहीं था . जब मुझे तुम्हारी सबसे ज्यादा जरुरत थी , तुमने उस वक़्त छोड़ा मुझे ..!!

आज कितना अकेला हूँ मैं ...!


Monday, April 2, 2012

मुक्तसर सी बात ये है तू तो है हयात ये ...!!!

आज तुमने मेरे लिए ये गीत गाया था :

" बेवजह हंस पडूँ तेरी याद की सौगात ये ,
तेरी आरजू ,तेरी जुस्तजू हैं तेरे ही ख़यालात ये ,
है मुक्तसर सी बात ये है तू तो है हयात ये "

आज भी अक्सर अकेले में मैं ये गीत सुनता हूँ , बहुत कुछ याद है जानां, बहुत कुछ .. एक ज़िन्दगी जैसे धुंध में लिपटी हुई हो ........

आह , अब सिर्फ यादे ही रह गयी है .......जानां !


तुम जो मिले तो लगा है . जैसे मिली जिंदगी ...!

सच ही तो है .. तुमसे मिलने बाद तो यही लगा था मुझे .
और तुम्हारे साथ गुजारे हुए इतने सारे पल है की क्या कहूँ .. एक एक पल में जैसे एक एक जीवन है .
तुम न मिलती तो ये जीवन अधुरा ही रहता . मैंने जान ही नहीं पाता कि प्रेम किसे कहते है .


Sunday, April 1, 2012

अजनबी शहर, रामनवमी की झांकियां , तुम और मैं और शेष प्रेम !!!



तुम्हे याद है , उस दिन भी रामनवमी थी , जब हम उस अजनबी शहर में बस यूँ ही घूम रहे थे , इस मंदिर के दर्शन करने के बाद वापस आ रहे थे. उस दिन शहर में झांकियां निकल रही थी . कितना धार्मिक माहौल था .. और हम ईश्वर के आशीर्वाद को जो कि हमें प्रेम के प्रसाद के रूप में मिल रहा था ; बस जी रहे थे .. बस जीवन वही था ......धर्म, कर्म , तुम , मैं और प्रेम......!

अब बस यादे ही रह गयी है ....सिर्फ यादे , मैं तो हूँ, पर तुम नहीं !!!





तुम एक अजनबी की तरह कभी नहीं मिली जानां ...!!


जब हम पहली बार मिले थे , तब भी और फिर कभी भी तुम मुझे अजनबी नहीं नज़र आई ..तुम्हे याद है जानां , जब हम पहली बार मिले तो तुमने मुझे अपने आलिंगन में ले लिए था और मैं तुम्हे देखता ही रह गया था .. पता नहीं क्या जादू था तुम्हारे चेहरे पर मुझे तुम बहुत अपनी सी लगी थी , लगा ही नहीं था की हम पहली बार मिल रहे है .. तुम्हे याद है , जब हम ऑटो में बैठकर अपने घर [ मैं उसे हम दोनों का घर ही कहूँगा ... क्योंकि हम अब भी वहां मौजूद है और हमारी आत्माए अब भी balcony में बैठकर बहती नदी को देखती है ] जा रहे थे ,तो सारे रास्ते मैं तुम्हे देखता रहा था .. कैसी अजीब सी कशिश थी .. तुममे .. तुमको देखा तो लगा पहले के मिले हुए है और बहुत दिनों बाद फिर से मिल रहे है .. अजनबी इस तरह से नहीं मिलते है जानां ..तुम तो बस मेरी ही थी ....क्या वो एक ख्वाब था या कोई अजनबी सी हकिक़त ...बस अब तुम नहीं हो ...कहीं नहीं !!!

तुम्हारे लिये अक्सर ये गीत गाता हूँ जब भी मुझे आज की पहली मुलाक़ात की याद आती है .


अजनबी कौन हो तुम, जब से तुम्हे देखा हैं
सारी दुनियाँ मेरी आँखों में उतर आयी हैं

तुम तो हर गीत में शामील थे, तरन्नुम बन के
तुम मिले हो मुझे, फूलों का तबस्सुम बन के
ऐसा लगता है, के बरसों से शमा आज आयी हैं

ख्वाब का रंग हकीकत में नजर आया हैं
दिल में धड़कन की तरह कोई उतर आया हैं
आज हर सांस में शहनाई सी लहराई हैं

कोई आहट सी अंधेरो में चमक जाती हैं
रात आती हैं तो, तनहाई महक जाती हैं
तुम मिले हो या मोहब्बत ने गज़ल गाई हैं


Saturday, March 31, 2012

तुमसे मिलने की यात्रा....!!


मैं आज के दिन तुमसे ही मिलने निकल चला था जानां , एक नये शहर की ओर , जो कि तब तक के लिए मेरे लिए अजनबी था , जब तक कि मैं तुमसे उस शहर में नहीं मिला. तुमसे मिलने के बाद न तुम अजनबी रही और न ही वो शहर. ज़िन्दगी भी बड़ी अजीब है , जिनसे कभी न मिलना चाहे , उन्ही से जोड़े रखती है और जिनके संग रहना चाहे , उनसे दूर कर देती है . तुम पहली बार मुझसे मिल रही थी , लेकिन मुझे लग रहा था कि हम दोनों बरसो से ..नहीं नहीं शायद जन्मो से के दुसरे को जानते थे . और वही हुआ , जब हम मिले..... तुमसे मिलने की यात्रा में बहुत से ख्याल तैरते रहे जेहन में .. कि तुम कैसी होंगी , कैसी दिखती हो .तुम्हारे ख़त ने भी वही कहा था, मैं बहुत से अजनबियों से मिला हूँ ज़िन्दगी के सफ़र में , लेकिन तुमसे मिलना रोमांचक था,. रोमांटिक था. रहस्य में लिपटा हुआ था . जीवन की धडकनों से भरा हुआ था. हर अहसास में तुम ही थी ..सिर्फ तुम !!!


तेरे बिना ज़िन्दगी से शिकवा तो नहीं ....!



सोचता हूँ कि तुम्हारे मेरे ज़िन्दगी में न होने से सिर्फ दुःख और खालीपन ही है ,पर ज़िन्दगी तो चल ही रही है क्योंकि खुदा के बनाए हुए इस निजाम में कभी भी कुछ भी नहीं रुकता है . ज़िन्दगी चलती ही रहती है .. यदि सोचना भी चाहे तो भी नहीं रूकती , सिवाय इसके कि उसके ख़त्म होने का समय आ जाये . और कभी कभी ये भी सोचता हूँ कि खुदा की शायद यही रज़ा थी कि मैं तेरे बिना और तू मेरे बिना ही जिये . और एक दुसरे की यादो में तड़प कर जिये और मरे.... पर ज़िन्दगी का रंग भी चटक ही होता है ... क्योंकि जीना इसी का नाम है ! पर आज फिर तेरी याद बहुत आ रही है !


Monday, February 20, 2012

क्या वो वाकई हम दोनों ही थे जानां !


पिछले कई दिनों से एक ही बात दिल में समायी हुई है बस और कुछ सोच में नहीं आता है.
 
वो बसेरा; जिसमे हम अक्सर रुका करते थे और नदी के बीच स्थित वो पत्थर जो हमारे की खिडकी /बरामदे से दिखाई देता था.
 
और वो बहती नदी - जो कभी भी आँखों से ओझल नहीं हुई, चाहे वो दिन हो या रात , चाहे वो सुबह हो या शाम .

क्या जगह थी !!!
क्या जिंदगी थी !!!!
 
क्या वो वाकई हम दोनों ही थे जानां !

Sunday, February 6, 2011

जाने जां.....!!!



जानां , आज मुझे उन जंगलो की बहुत याद आई , जहाँ , हम हाथ में हाथ डाल कर घूमे थे.. याद है तुम्हे , हम जब घने जंगलो में घूम रहे थे , तो ड्राईवर ने हमें एक सफ़ेद से पेड़ को दिखाया था और कहा था की वो भुतहा पेड़ है ... आज उस पेड़ की बहुत याद आई और तुम्हारी उस बात की भी की , तुम चाहती हो की मैं तुम्हे जंगली फूल दूं ... देखते है ....कब ये  सपना पूरा होंगा और पक्की बात की इस बार जब भी जंगल  जायेंगे तो मैंने तुम्हे ये गाना सुनाऊंगा .... लेकिन तुम कहीं खो मत जाना .....मैं तुम्हे कभी भी खोना नहीं चाहता हूँ ... बस जब भी खो जायेंगे  , हम दोनों एक साथ इस दुनिया से अलग होकर दुनिया वालो के लिए खो जायेंगे ......मैं अब थक गया हूँ तुम्हारे बिना जानां...मुझे ये सारी दुनिया ही जंगल नज़र आती है ... हाँ , तुम्हारा साया होता है न मेरे साथ ,तुम्हारे संग बिताये हुए यादो के जेवरो के लिए हुए... मेरे साथ ,,हाँ तुम होती हो सनम , हमेशा .....!!!





तुम्हारी मुस्कराहट..................!!!


जब मैंने तुम्हे पहली बार देखा था , तो , तुमने ; मुझे देखकर एक प्यारी सी मुस्कराहट को अपने चहरे पर ओढ़  लिया था.. और मैं सारे रास्ते उस मुस्कराहट को तुम्हारे चेहरे पर देखते रहा था .. [ और आज भी  जब भी मुझे तुम याद आती हो तो , तुम्हारे चेहरे से पहले तुम्हारी मुस्कराहट याद आती है .. ] और सच कहूँ तो  उस मुस्कराहट को याद करते ही मुझे ख़ुशी हो जाती है .. याद है , तुम्हारी एक और मुस्कराहट , भी  मुझे बहुत पसंद है ..वो ही , जो हलके से तुम्हरे चेहरे पर होंठो के कोनो पर आ जाती है ..वही .. जब मैंने तुम्हारे पीछे खड़े होकर तुम्हे आईने में देखता हूँ .. !!! आज मैंने तुम्हारी बहुत सी photos को जी भर कर देखा और मन में भर लिया ... एक एक तस्वीर में तुम्हारी मुस्कराहट छाई हुई है ..मुझे नहीं मालुम, की तुम खूबसूरत होती हो या मेरी फोटोग्राफी या ये सिर्फ हमारे प्रेम का कमाल होता है ....पर हमेशा ही तुम्हे देखकर तुम्हारे फोटो लेते हुए मुझे यही गीत गाने की इच्छा होती है ......


Saturday, February 5, 2011

तू ..तू है वही ..जिसे मैंने दिल से चाहा और हमेशा चाहूँगा ... !!



जानां , दुनिया के अपने रंग है , अपनी बाते है , अपनी रफ़्तार है ....लेकिन इस सारी भाग दौड़ में अगर , कहीं सकूँ है , तो है तेरे साथ बिताये हुए पलो में . ज़िन्दगी तो वही थी ... सनम अब बस साँसे चल रही है .. कितनी आरजू है तुझ से गले लग जाने की .. तेरे संग जीने की और तेरे संग मर जाने की ... !!!


तू ..तू है वही ..जिसे मैंने दिल से चाहा और हमेशा चाहूँगा ... !!





एक ज़रा सा इन्तजार ....


तुम्हे पता है जानां , जब भी तुमसे मिलने की बात तय होती थी ... मैं  बहुत खुश हो जाता था .. मन शांत हो जाता था .... बस फिर दिन गिनने का process शुरू  हो जाता था ....कभी कभी इन्तजार में भी कितना मज़ा आता था , लेकिन अब तो ये इन्तजार बहुत लम्बा है सनम ... बहुत लम्बा .....!!


लिफ्ट में मैंने जब तुम्हे छुआ था ...


याद है तुम्हे जानां, उस छोटे से शहर के होटल की लिफ्ट में मैंने  जब तुम्हे छुआ था .....उस वक़्त मेरा मन ये हो रहा था की वो लिफ्ट बंद हो जाए और मैं तुम्हे ये गाना सुनाऊं ..मैं ये गाना बहुत गाता था , जब मैं 10th  में था .. कभी कभी सोचता हूँ तो वो सारे दिन जो तुम्हारे संग बिताये थे , बहुत याद आते है ...मन भाग भाग कर वही जा पहुँचता है .. तब एक समाधि की स्थिति  में मैं अपने आपको देखता हूँ तो ये पता चलता है की , मेरा शरीर मात्र ही यहाँ है , मन और आत्मा तुम्हारे साथ ही उन अजनबी शहरो और जंगलो में विचर रही है ....तुम बहुत याद आ रही हो जानां ...




Saturday, January 29, 2011

तुम्हे याद करते करते............!!


अक्सर राते करवटे बदल बदल  कर गुजार देता हूँ.... मुझे ख्याल भी नहीं आता की  जिंदगी भी कुछ ऐसे ही करवटे बदल बदल कर बीत रही है और तुम कहीं नहीं हो..........वो सारे दिन और वो सारी राते ...जो तेरे संग  गुजारी थी अपने नर्म और गर्म अहसासों के साथ nonstop दिल पर दस्तक देती रहती है... और मैं चुपचाप  दिन को रात में और रात को सुबह में और फिर सुबह को शाम में और शाम को रात  में पिघल कर घुलते हुए देखते रहता हूँ... तुम जानती हो ? मैं कितने दिनों से सो नहीं पाया हूँ... अब तो  गिनती भी भूल  गया  हूँ.. कुछ याद  नहीं  सिवाय  तेरे...... और तेरे प्यार  के ...कुछ याद नहीं जानां ..तुम्हे याद करते करते कटती है  ज़िन्दगी सारी ...... !!






Friday, January 28, 2011

ओं मेरे उदास मन..चल कहीं दूर चले .


जानां ; ज़िन्दगी में जब रिक्तता आ जाती है तो सिर्फ शुन्य के अलावा कुछ नहीं बचता है . कुछ ऐसा ही अब है मेरी उस झोली में जिसमे तुमने कभी अपने प्यार से भरा था . तुमसे दूरी इतनी ज्यादा है की कुछ सहा नहीं जाता ,मन उदास हो चला है ,और लगता है की दुनिया में कुछ नहीं बचा सिवाय उन  प्यार भरे लम्हों के , जिसमे हमने प्राण फूंके थे . जानां , बहुत अकेला हूँ .. 

Tuesday, January 25, 2011

तेरे बिना ये ज़िन्दगी , ज़िन्दगी तो नहीं जानां ...


जानां ; तुम्हारे साथ बहुत सी अनजान जगहों पर घूमा हूँ , पर मन भरा नहीं है .. ऐसा लगता है की कई मंजिले और भी अभी बाकी है , जहाँ की फिजा में हमने सांस लेनी है .....कई रास्ते और भी बाकी है , जिन पर अपने पैरो के निशां छोड़ना है ..कई गलियां और भी है बाकी , जिनमे तेरे हाथ में अपने हाथ देकर घूमना है ,कई पुराने मंदिर के देवता हमारी  राह देख रहे है ... कुछ घने जंगल भी है , जिनमे मौजूद पेड़ो पर हमने अपना नाम लिखना है ...और बहती नदी के पानी में तेरे चेहरे  पर मौजूद  ख़ुशी को देखना है .. बहुत से सपने है ,जिन्हें पूरा होना है .. जिन्हें देखना है और फिर से देखना है और बार बार देखना है .. लेकिन...तुम नहीं तो ये सपने कैसे पूरे होंगे ... ये ज़िन्दगी अधूरी है ,तेरे बिना ये ज़िन्दगी , ज़िन्दगी तो नहीं जानां ..बस तुम नहीं हो .....हमारी मोहब्बत की कसक भर है ...




मैं जहाँ भी रहूँ , तुम मेरे साथ होती हो जानां ...


जानां , कोई ऐसा पल नहीं है , जब तुम याद नहीं आती हो . रातो को उठकर बैठ जाता हूँ, तुम्हे ढूंढता हूँ, दिन में पागलो की तरह तुमसे बाते करता हूँ , ज़िन्दगी वही रुकी हुई है , जहाँ तुमने मुझे छोड़ा था .. तन्हाईयाँ ने साँसों में तेरे नाम के सिवा कुछ नहीं रखा है .तुम्हारी तस्वीरे देखता हूँ, उनसे बाते करता हूँ , तुम्हरी चिट्टियाँ  पढता हूँ  और जार जार रोता हूँ. मैं जहाँ  भी रहूँ , तुम मेरे साथ होती  हो जानां ...



Monday, January 24, 2011

वो तीन दिन - फिर वही रात है ख्वाब की.


याद है तुम्हे जानां ,तुमने मुझे उन तीन  दिनों के बारे में क्या कहा था , जो हमने साथ गुजारे थे , एक पुराने से मंदिर और बहती नदी के तट पर....यक़ीनन वो हमारी ज़िन्दगी के सबसे कीमती दिन रात थे.....

तुमने कहा था ......

वो  तीन दिन .......तीन मिनिट से भी कम थे ......कुछ याद नहीं ....तुमने क्या कहा ..मैंने क्या सुना ....मैंने क्या कहा ...तुमने क्या सुना ... कुछ भी नहीं .....बस प्यार याद रहता है ....वो उगते सूरज को साथ साथ देखना याद रहता है .......वो रात को बैठकर मंदिरों को देखना ........आरती की आवाज सुनना याद रहता है ,वो डूबते हुए सूरज की लाली  का  तुम्हारी आँखों में और वहां से मेरे गालों पर बिखरना याद रहता है .





Friday, January 14, 2011

तन्हाई

जानां , अब सिर्फ तन्हाई है जीवन में , एक अजीब सा सूनापन..
अब कुछ नहीं है सिर्फ तन्हाई के ..
जानां ...अगले जनम पहले मिल जाना ...बस यही एक गुजारिश है ..


क्या यही प्यार है .. हाँ यही प्यार है ...!!!


आज के दिन तुमने मुझे ये लिखा था की "
मैं खुद को आईने में देखती हूँ और पीछे तुम नजर आते हो मुझे बाँहों में घेरते हुए ,कंधे पर चूमते हुए .ये  कैसा प्यार है ?"
हाँ जानां यही प्यार है . इसी को प्यार कहते है .. इसी को सच में सपना कहते है , यही एक बेपनाह मोहब्बत है  जो हम दोनों के बीच में है .. लेकिन ये दूरी , ये दुनिया के बंधन , ये दीवारे , ये सब भी  है हम दोनों के बीच  में .. मैंने तुम्हे और तुमने मुझे न जानते हुए भी प्यार किया और ज़िन्दगी के स्वर्णिम पलो को जिया .. ...हाँ यही तो प्यार है ....!!!







हाँ , मुझे मोहब्बत है जानां....

मैं सोचता हूँ , की तुम हो यहाँ मेरे पास ,
मैं सोचता हूँ ,  की तुम  नहीं हो यहाँ मेरे पास,
मैं सोचता हूँ की ....
क्या वो ख्वाब थे जो तेरे संग गुजरे
या हकीक़त थी  कोई ...
जानां , क्या कोई ऐसी बस्ती नहीं है ,
जहाँ मैं तेरे साँसों में अपनी साँसे मिला सकूँ ?
हाँ , मुझे  मोहब्बत है  जानां....


पल पल दिल के पास तुम रहती हो ..

जानां , सुबह से शाम और दिन से रात हो जाती है ... समय रुक नहीं पाता है. बस रुके हुए है तो वो लम्हे ,जो हमने साथ बिताये हुए है  . कोई ऐसा पल नहीं है ,जो होश में हो और तुम उसमे न हो .. दिन हो या रात का कोई पहर , जब भी जाग उठता हूँ.. सिर्फ तुम्हारे बारे में ही सोचता हूँ .. तुम कैसी होंगी .क्या कर रही होंगी , क्या मुझे याद कर रही होंगी ... क्या तुम्हे वो पल याद नहीं आते है , जो हमने साथ गुजारे है ... जानां , तुम्हारे संग मिलन को जाना , तुम्हारे संग विरह को भी जान रहा हूँ .. ये कैसी बर्फ की तपिश है , जो मुझे हर वक़्त जला कर राख किये जा रही है .. जानां मैं तुम्हे बहुत प्यार करता हूँ.

Tuesday, January 4, 2011

अच्छा तो हम चलते है .......!!!

जानां... जब भी मैं तुमसे विदा होता था ...तो हमेशा ही बहुत उदास हो जाता हूँ.. और तुम हमेशा ही ये गाना गाती थी .. और एक मुस्कराहट मेरे चेहरे पर आ जाती थी ....specially , जब तुम कहती हो..उफ़ हो मेरी तो घडी बंद है .... ....हमारे प्रेम में ऐसे कई fillers है , जो की , ऐसे है , जैसे की हमारे लिए ही बनाए हुए है .. ये गाना , हमारे प्यार का signature song है जानां... लेकिन ,सच तो ये है की मैंने कभी ये नहीं चाहा की तुमसे विदा हो जाऊं .. कभी भी नहीं ... एक पल के लिए भी नहीं .....I LOVE YOU जानां....!!

तुम संग नैना लागे रे....

जानां , प्रेम का कैनवास कितना बड़ा हो सकता है , ये मैंने  तुमसे मिल कर जाना . हमारा प्रेम अद्बुत है ..अनोखा है ,अनूठा है ..और इतना विहंगम है की उसे एक ज़िन्दगी के कैनवास में नहीं समाया जा सकता है .. हमारे प्रेम को बहुत ज्यादा space चाहिए अपने आपको express करने के लिए ....और छोटी छोटी बाते इस प्रेम को बहुत अनोखा बनाती है .. याद है तुम्हे हमारे बाथरूम की खिड़की में चिड़ियायें बोलती थी .. उनकी चहचाहट में जैसे हमारे प्रेम के शब्द समा जाते थे.. हम मौन ही रहकर एक दूजे से कितनी बाते कर लेते है .. और अब भी हम कितनी बाते कर लेते है बिना एक दूजे को कुछ बोले ...है न ..!!!


तुमको देखा तो.........!!

तुम्हे याद है जानां , जब हम पहली बार मिले तो तुमने मुझे अपने आलिंगन में ले लिए था और मैं तुम्हे देखता ही रह गया था .. पता नहीं क्या जादू था तुम्हारे चेहरे पर मुझे तुम बहुत अपनी सी लगी थी , लगा ही नहीं था की हम पहली बार मिल रहे है .. तुम्हे याद है , जब हम ऑटो में बैठकर अपने घर [ मैं उसे हम दोनों का  घर ही कहूँगा ... क्योंकि हम अब भी वहां मौजूद है और हमारी आत्माए अब भी balcony   में बैठकर बहती नदी को देखती है ] जा रहे थे ,तो सारे रास्ते मैं तुम्हे देखता रहा था .. कैसी अजीब सी कशिश थी .. तुममे .. तुमको देखा तो लगा पहले के मिले हुए है और बहुत दिनों बाद फिर से मिल रहे है .. तुम्हे पता है जानां  , मैं अब भी तुम्हे वैसे ही देखता हूँ...........और हमेशा ही देखते रहूँगा .. चाहे तुम मेरे पास रहो और या मुझसे दूर रहो .. लेकिन मैं तुम्हे एक बात बताऊँ.. तुम मुझसे कभी भी दूर  नहीं रहती हो... मेरे पास ही हो तुम जानां ...!!!

Sunday, January 2, 2011

एक खुली खिड़की...............!!!



मैं एक खुली खिड़की से तुम्हारे साथ गिरती हुई बर्फ देखना चाहती हूँ .
मैं एक खुली खिड़की से तुम्हारे साथ ढलती हुई साँझ देखना चाहती हूँ .
मैं एक खुली हुई खिड़की से तुम्हारे साथ उगता हुआ चाँद देखना चाहती हूँ .
मैं एक खुली खिड़की से तुम्हारे साथ जिंदगी को गुजरते हुए देखना चाहती हूँ




Friday, December 31, 2010

बोल न हलके हलके ...

तुम्हे याद है जानां ...कई बार ऐसा हुआ है की तम्हारे साथ लम्बे सफ़र में अक्सर ये गाना बजता था . मुझे ये गाना बहुत पसंद है और तुम्हारे साथ खूब गुनगुनाता भी था .. वो लम्बी सी long drive .... वो सड़क के किनारे के किसी होटल में नाश्ता करना .. और फिर कभी कभी तुम्हे छूना .. तुम्हे देखना .. फिर कितनी सारी कभी न ख़त्म होने वाली बाते .. सफ़र कब ख़त्म हो जाता था , पता ही नहीं चलता था ...याद है , एक बार हमने सड़क के किनारे रुक कर खेतो से ओले [ चने के पौधे ] तोड़े थे ....कितनी सारी यादे...सारे लम्हे अक्सर रातो को दिए बन कर दिल में जलते है जानां ....तुम क्या जानो तन्हाईयो की आहटो को ....हमारे सफ़र के वाहन बने , ऑटो, रिक्शा ,ट्रेन, कार, उड़न खटोला , नाव, boat , cruize ..और कितना सफ़र तो हमने हाथो में हाथ डालकर पैदल ही तय किया है ....और कुछ याद नहीं आ रहा है....बस आँखे धुंधला जाती है तेरे नाम के पानी से ............

Thursday, December 30, 2010

दिल तो बच्चा है जी .... !!!


तुम्हे याद है वो दिन ..हलकी हलकी बारीश हो रही थी और हम दोनों खो गए थे किसी पुराने मंदिर को जाती हुई  सड़क पर .. वो एक अजनबी सा पुराना शहर था .. लेकिन कितना अपना था .. हम कई बार उस शहर की सडको पर यूँ  घूम चुके है की ,लगता है की किसी पिछले जन्म में ,हम वही रहते थे.. .....!!! जानां , जब हम मंदिर को जाने वाली सड़क का पता पूछ रहे थे तो, तुम्हारे रेडियो पर ये गाना बज रहा था... आज सुबह उस गाने को सुना तो वो सड़क याद आई, वो मंदिर याद आया, वो शहर याद आया ,तुम्हारी कार में बजता हुआ वो रेडियो याद आया , और इस गीत के साथ तुम भी याद आई ...लेकिन , मैं तुम्हे भूला कब हूँ जानां .....बस कदम फिर उस सड़क पर फिर खो जाने को बेताब है ..........!!!


Monday, December 27, 2010

Meri Bheegi Bheegi Si

Do Lafzon Ki Hai Dil Ki Kahani

khabi khabi mere dil me

Tum aa gaye Ho

Tu Is Tarah Se Meri Zindagi Mein

Tumko dekha to ye khayal aaya

Us Mod Se shuru karen phir yeh Zindagi

ओम्कारेश्वर......मेरे ज़िन्दगी का सबसे अच्छा सपना !

एक जगह है इस देश में ...जहाँ सुबह ये सुनाई देता है ....और मन को प्रसन्न कर देता है....

आज उस जगह की बहुत याद आ रही है ....आज से ११ महीने पहले उस जगह से वापस लौटा था .
 
 

Sunday, November 28, 2010

६२२ मील लम्बा रास्ता और उम्र के बीस बरस ...



तुम थी किसी और दुनिया में ,
और मैं अपनी दुनिया में ...

मेरी दुनिया से तेरी दुनिया तक पहुँचने में
मुझे बहुत लम्बा रास्ता पार  करना पड़ा ,
वो रास्ता ६२२ मील लम्बा था
और मुझे उसे पार करने में २० बरस लग गए
लेकिन हमें तो मिलना ही था ;
ईश्वर ने ही  ये चाहा था .

तुझे पा लिया , सब कुछ पा लिया .
तेरे संग जो जिया , वो जी लिया .

बस तुमने मुझे छोड़ना नहीं था जानां ;

तुमने मुझे छोड़ दिया ,
मेरा सब कुछ खो गया ..                     
अब मैं अकेला हूँ
कोई दुनिया नहीं मेरे संग
कोई अपना नहीं मेरे संग
बस अब मैं अकेला हूँ !!!

शायद इसे ही तो  बेवफाई कहते है
हैं न जानां....!!!

लेकिन ;
मुझे तेरी बेवफाई नज़र आती है सिर्फ दूर  से ,
पास आता हूँ तो तुम सिर्फ मेरी जानां होती हो ..

ज़िन्दगी के फैसले क्यों मोहब्बत का खून करते है

Monday, November 22, 2010

पूरे चाँद की रात


 

आज फिर पूरे चाँद की रात है ;
और साथ में बहुत से अनजाने तारे भी है...
और कुछ बैचेन से बादल भी है ..

इन्हे देख रहा हूँ और तुम्हे याद करता हूँ..

खुदा जाने ;
तुम इस वक्त क्या कर रही होंगी…..

खुदा जाने ;
तुम्हे अब मेरा नाम भी याद है या नही..

आज फिर पूरे चाँद की रात है !!!

Monday, November 15, 2010

रुके रुके से पल....


वक़्त को रोककर
पीछे मुड़कर ,
मैंने देखा...
तो
तुम बहुत दूर थी ..
शायद सदियों के पहले के बात थी
या किसी और जन्म की बात थी

मैंने बहुत से वो ख्वाब भी देखे
जिसमे हम साथ साथ थे..
ज़िन्दगी के FROZEN MOMENTS भी थे ;
जहाँ तुम मेरे साथ थी...
मैं और तुम ;
हमेशा ही साथ रहे थे ...
कोई उन पलो को कैसे भूल जाये..

हाँ , सिर्फ एक पल में ;
मैं तुम्हारे साथ नहीं था ..
जब तुमने मेरा साथ छोड़ा था
अपने लिए ;
तुमने मेरा हाथ छोड़ा था ....
हाँ, जानां, मैं उस पल में तुम्हारे साथ नहीं था ..

वो यादे अब डसने लगी है
मेरी रूह को ..
वो वादे तेरे ,हँसते है
मेरे प्यार पर ..

तुमसे तो मैंने मोहब्बत सीखी थी जानां,
तुमने ये बेवफाई कहाँ से सीख ली ?

पता है तुम्हे ,
मैं अब भी भाप से पुते हुए आईने में ;
अपनी उंगलियों से तेरा नाम लिखता हूँ ......जानां !!!!
[  as if you are always with me to see this and hug me ]




Sunday, November 14, 2010

जानां, मुझे तेरा इन्तजार है .....


 
हमेशा की तरह ,
आज भी अजनबी शाम को ढलते हुए सूरज के संग ,
उदास रंगों को आसमान में बिखरते  हुए देख रहा था ;
और सोच रहा था ,
उन शामो के बारे में ,
जब तुम मेरे साथ थी ...!!

ऐसा लगता है कि
वो किसी और जनम की  बात थी ,
जब मैं इन्ही रंगों को तेरे चेहरे  पर
अपने प्यार  के साथ घुलते हुए देखता था ....

सच में वो किसी और जन्म की बात लगती है ,..

जब हम हाथो में हाथ डाल कर ;
किसी पुराने शहर की गलियों में घुमते थे ;
जब मंदिर के सारे देवता ;
गर्भगृह  में हमारी ही  प्रतीक्षा करते  थे .
या , वो नदी के बहते पानी में अपने अक्स को देखना ..
और वो लम्बी लम्बी सडको पर ;
बिना किसी मंजिल के दूर तक बहते चले जाना
और वो अनजान जंगलो की ,
फूलो की झुकी हुई डालियों पर तेरे प्यार को ठहरा हुआ देखना ,
किसी तेरे शहर की झील में ;
सूरज, शाम और पानी के साथ तुम्हे  disk jockey जैसे mix करना
और ज़िन्दगी के रुके हुए पलो में तुम्हे अपने camera में ;
एक immortal तस्वीर की तरह कैद कर लेना ...
सब कुछ किसी और जन्म की बात ही लगती है ..जानां  ..

क्या तुम्हे वो सारे लम्हे याद है ,
जब तुम्हारी साँसे मेरे नाम थी ,
जब तुम्हारी धड़कने भी मेरे नाम थी ,
जब तुम मुझे देखती थी प्यार के अद्बुत क्षणों में ..
जानां.. आज मैं बहुत उदास हूँ.
तुम बहुत याद आ रही  हो ..

जाने ,तुम दुनिया के किस जंगल में खो गयी हो ..

आ जाओ जानां, मुझे तेरा इन्तजार है .....



Saturday, November 13, 2010

एक रेशमी सपना



A cozy night of chilling winter waves …
Beside a lake front …
Wrapped by a thin fabric …
White fabric, which will be displaying ;
only our love and nothing else…

Talking nothing …
Sitting in silence...
A silence of unspoken words…..
Words of love …….!!!

As the full moon shines its milky shades on our faces,
I hold your face slowly in my both hands,
And say those three magic words...

I LOVE YOU ...

But dreams are just dreams...
Sometimes they just turn into a magical reality,
Sometime they just stay dreams like this one...!!!

Because, to realize the dreams,
We have to leave logic and mind;
Much behind shadows of our life;
So that,
We can slip into the great sleep of togetherness;
And than …In a moment of bliss,
The dream comes true…!!!

May be some other time...
Some other day...
Some other full night moon...
We will be in each other's arms,
And that will be a dream of reality!!!

And that will be our Dream as always ..
Love you Jaana !!!


Wednesday, November 10, 2010

कही कोई नहीं है जी .. !!!!



यूँ ही कभी अगर दुनिया पूछे तुमसे
की मैं कौन हूँ ..
तो तुम कह देना ..
कोई नहीं है जी ..कोई नहीं ,

बस यूँ ही था कोई
जो जाने अनजाने में
बस गया था दिल में ..
पर वो कोई नहीं है जी  ...

एक दोस्त था जो अब भी है ,
जो कभी कभी फ़ोन करके
शहर के मौसम के बारे में पूछता है,
मेरे मन के आसमान पर
उसके नाम के बादल अब भी है ..
पर कोई नहीं है जी ..
कुछ झूठ है इन बातो में
और शायद ,थोडा सा सच भी है
जज्बातों से भरा हुआ वो था
उम्मीदों की जागीर थी उसके पास
पर मैंने ही उसकी राह पर से
अपनी नजरो को हटा दिया
पर कोई नहीं है जी ..

कोई है , जो दूर होकर भी पास है
और जो होकर भी कहीं नहीं है
बस कोई है.." कहाँ हो जानू " ,
क्या ...कौन ..
नहीं नहीं कोई नहीं है जी ...

मेरे संग उसने ख्वाब देखे थे चंद
कुछ रंगीन थे , कुछ सिर्फ नाम ही थे
है कोई जो बेगाना है ,पता नहीं ?
मेरा अपना नहीं ,सच में ?
कोई नहीं है वो जी ....

कोई साथी सा था ..
हमसफ़र बनना चाहता था ,
चंद कदम हम साथ भी चले ..
पर दुनिया की बातो में मैं आ गयी
बस साथ छूट गया
कोई नहीं है जी ....

कोई चेहरा सा रहता है ,
ख्यालो में ...याद का नाम दूं उसे ?
कभी कभी अक्सर अकेले में
आंसू बन कर बहता है
कोई नहीं था जी....

बस यूँ ही
मुझे सपने देखने की आदत है
एक सच्चा सपना गलती से देख लिया था
कोई नहीं है जी , कोई नहीं है ....

सच में ...पता नहीं
लेकिन कभी कभी मैं गली के मोड़ तक जाकर आती हूँ
अकेले ही जाती हूँ और अकेले ही आती हूँ ..
कही कोई नहीं है जी ..
कोई नहीं ...



रिश्ता


यूँ ही जमीं पर थक कर चलते चलते ;
एक खवाबो सा रिश्ता बनाया था मैंने और तुमने ..
पर पता नहीं किसका श्राप था ;
वह कभी भी पूरी तरह से जुड़ नहीं पाया ,
खुदा ने ही इंसानी दरारे बना रखी थी
लेकिन  टुटा भी नहीं कभी ..
एक प्यारे से अहसास के साथ रहा ,
वो जिंदा ही ..
कभी वो मेरी बांहों में  सिमटते रहा ;
कभी तेरी साँसों में महकता रहा
कई बार तुमने तोडना चाहा
लेकिन ,
ये खुदा की वो नेमत है ,
जो धड़कन बन कर जीता है
तुम्हारे और मेरे दिलो में
तुम लाख कोशिश कर लो ..
ये रिश्ता मर न पायेंगा
क्योंकि ;
इस पर तेरा और मेरा नाम लिखा हुआ है
ये तेरा और मेरा रिश्ता है !!!!